Friday, December 1, 2006

अश्कों की कहानी वफा की बात थी

रोते-रोते तन्हा वो सो गयी
ना जाने फितरत ऐसी हो गयी ।

लब पर आयी बात मुस्कराई
खुद में ही सिमटती चली गयी ।

अश्कों की कहानी वफा की बात थी
बेवफाई की क्या वजह हो गयी ।

मेले में ढूंढती रही तन्हाई
तन्हाई में क्यूं मेले की याद आई ।

वफा तो निभ ही गयी आखिर
अश्क पानी के मोल मिलती गयी ?

No comments: